
दोस्तों घर का सबसे अहम भाग छत होता है। क्योंकि इसके बिना हम घर को घर भी नहीं कह सकते है। घर का छत ही वह हिस्सा होता है, जो कई मौसमों की मार हमेशा से झेलता रहता है और हमारी रक्षा करता रहता हैं, इसके साथ ही ध्यान देने वाली बात यह है कि अच्छी क्वालिटि का छत होने से छत का नुकशान भी कम होता हैं। अच्छे छत की कल्पना तभी की जा सकती है, जब छत की ढलाई के दौरान कुछ बातो का ध्यान दिया जाए। वह इसलिए कि छत पर पपड़ी न पड़े, छत की सरिया बाहर न निकले और छत पर दरार न आए। तो आइए जानते है, कि वो कौन सी बातें है, जिनका ध्यान रखकर छत की ढलाई की जानी चाहिए।
छत की लंबाई | Length Of Roof

कुछ वर्षों पहले कमरों का कोई साइज नहीं फिक्स था। लेकिन अब भारत के नेशनल बिल्डिंग कोड 2005 के अनुसार, मानव निवास के लिए सभी कमरों की ऊंचाई 2.75 मीटर या 9 फीट निर्धारित किया गया। अगर इससे कम कमरों की उंचाई रखी जायेगी, तो घर मालिक के खिलाफ सरकार कभी भी एक्शन ले सकती है। कमरें की उंचाई फर्श की सतह से छत के सबसे निचले बिंदु के नीचे तक नापी जाती है। इंडिया में स्टैण्डर्ड छत की ऊंचाई 10 फीट है।
वहीं इंजिनियर या आर्किटेक्ट 11 फीट का बनाते हैं, क्योंकि फाल्स सीलिंग का उपयोग होने के कारण ये कम से कम 6 इंच से 1 फीट तक ऊंचाई ले जाती है। वहीं कमर्शियल बिल्डिंग के छत की ऊंचाई 3.6 मीटर या 12 फीट मानक के अनुसार मानी गयी है।
छत की मोटाई कितनी रखें | What Is The Thickness Of The Roof.

किसी भी आवास या घर के छत की मोटाई 125 mm यानी की चार इंच होनी चाहिए। यह मोटाई RCC छत या स्लैब के लिए बतायी गयी है। वहीं कमर्शियल बिल्डिंग के लिए छत स्लैब की मोटाई 150 mm, तक रखनी चाहिए।
छत के लिए मोर्टार का अनुपात | Mortar To Roof Ratio

आपको छत की ढलाई के दौरान यह जानना बहुत ही जरूरी है, कि आप सीमेंट बालू और गिट्टी किस अनुपात में मसाले के रूप में प्रयोग कर रहें हैं। तो आपको बता दें कि छत के लिए 1:2:3 अनुपात में प्रयोग करना फायदें मंद रहेंगा। यह अनुपात कुछ इस प्रकार से है, एक तसला सीमेंट दो तसला बालू और तीन तसला गिट्टी का प्रयोग होना चाहिए।
शटरिंग के होल को भरना न भूल | Don’t Forget To Fill The Shuttering Hole

शटरिंग का इस्तेमाल घर की छत की ढलाई के दौरान किया जाता है। इससे पहले छत ढलाई में लकड़ी के पटरों का प्रयोग किया जाता था। लेकिन यह पटरों से बहुत ही सरल और अच्छा होने के कारण अब इसका प्रयोग किया जाने लगा है। शटरिंग का इस्तेमाल छत की ढलाई के समय में करते समय ध्यान रखें कि जोड. पर गैप न होने पाए। जोड. से बचने के लिए टेप और पीओपी का प्रयोग कर सकते हैं। क्योंकि गैप होने से छत की ढलाई के समय पर मसाले नीचे टपकनेे लगते हैं।
छत की ढलाई में कवर ब्लाॅग का इस्तेमाल | Use Of Cover Blogs In Roof Casting

छत की ढलाई के दौरान कंक्रीट डालने के बाद हनीकांब न बने, और सरियों को जंग लगने से बचाने के लिए कवर ब्लाॅग का प्रयोग किया जाता है। साथ ही जिस लेबल की ढलाई करना चाहते है, उसी इंच की मोटाई में हो इसलिए हम इसे इस्तेमाल में लाते हैं। इस समय यह प्लास्टिक के साथ कई अन्य मटेरियल में बनाया जाता है। लेकिन सबसे अच्छा सीमेंट का बना हुआ होता है। वहीं अगर इसके इस्तेमाल के बारे में बात करें तो यह जाल और शटरिंग के बीच की दूरी बनाने में किया जाता है।
छत की ढलाई से पहले शटरिंग पर हलका पानी मारें, जानें क्यों | Spray Shuttering Lightly Before Roof Casting, Learn Why

छत की ढलाई के समय शटरिंग और सरिया बिछाने का काम किया जाता है। इस दौरान कई ऐसे भी काम किए जाते है, जिससे कई तरह की गंदगी शटरिंग पर फैल जाती है। ऐसे में अगर स्लैब का काम किया जायेगा, तो बाद में कई तरह की समस्याएं आयेगी। इसलिए इनसे बचने के लिए ढलाई से एक घंटा पहले शटरिंग पर पानी का छिड.काव जरूर करें।
छत की साइडों को लगाना न भूले | Don’t Forget To Put The Sides Of The Roof

आरसीसी छत की ढलाई से पहले छत की चारों तरफ साइडों को जरूर लगाए। वह इसलिए कि जब छत की ढलाई के समय वाइब्रेटर का इस्तेमाल करें, तो मसाला नीचे न गिरने पाए।
वाइबे्रटर का प्रयोग अवश्य करें | Must Use Vibrator

छत की ढलाई के समय बाइबर्टर का इस्तेमाल अवश्य करें। इसके प्रयोग करने से छत पर मसाला उचित अनुपात में मिलता और फैलता है। साथ ही एयर गैप भी छत पर बनने के चांस खत्म हो जाते हैं।
सार | Essence
छत की ढलाई उचित रूप में होना बहुत ही जरूरी होता है। इसलिए इन बातों को ध्यान में रखना उतना ही आवश्यक है, जितना की घर के लिए छत की जरूरत होती है। इसलिए छत की ढलाई के दौरान घर के मालिक को बारीक सी भी चूक नहीं करनी चाहिए। इसलिए अगर आपको जरूरत लगे कि छत की ढलाई के लिए इंजीनियर से सलह लेनी चाहिए, तो इसमें मकान मालिक को पीछे नहीं हटना चाहिएऔर अधिक जानने की इच्छा है |