मजबूत दवारों के लिए इस अनुपात में बनावायें चुनाई मसाला, दिवारों को मिलेगी बेजोड़ मजबूती | Strong Walls, Prepare Mortar In This Ratio, The Walls Will Get Unmatched Strength

दोस्तों दिवारों की चुनाई के लिए बालू और( cement mixture ratio ) सीमेंट का मसाला का प्रयोग किया जाता है, जिसे चिनाई का मसाला कहते हैं। चिनाई का मसाला सामग्री की उस लेई या मिश्रण को कहते हैं, जिसे किसी इमारत के निर्माण में ईंट, पत्थरों या अन्य चीजों को आपस में जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसकी एक प्रमुख खासियत यह होती हैं, कि जब इसे बनाया जाता है तो यह एक लेई या पेस्ट के सामान होता है। जिसकों दो ईटों के बीच डाला जाता है, लेकिन कुछ समय सूखने के बाद यह एक सख्त पत्थरनुमा रूप ले लेता है, और आपस में दों ईंटों को जोड. देता है। इस समय जो मसाला प्रयोग में लाया जाता है, (Prepare Mortar )वह रेत, सीमेंट और चूने (लाइम) को पानी के साथ मिलकर बनाया जाता है। कुछ और भी मसाले है जिनका प्रयोग घर निर्माण में किया जाता है। तो आईए जानतें है कि कौन से मसाला का प्रयोग कितने अनुपात में प्रयोग करना चाहिए।-

जानें कब तक कर लेना चाहिए चुनाई मसाला का प्रयोग? | Know For How Long Should You Use Chunai Mortar?

जानें कब तक कर लेना चाहिए चुनाई मसाला का प्रयोग? | Know for how long should you use Cement mixture ratio?

प्रत्येक राजमिस्त्री और ठेकेदार कों यह पता होता है, कि मिक्चर किया गया मसालों का प्रयोग जल्दी कर लेना चाहिए, क्योंकि जितना ताजा मसाला प्रयोग होता है उतना ही दिवालों को अधिक मजबूती देता है। साथ ही यह इमारत के लंबे समय तक मजबूती प्रदान करने का काम भी करता है।
वहीं बात रही मिश्रित या मिक्चर मसाला कितने समय में प्रयोग किया जाना चाहिए, तो न्यूनतम 60 मिनट और अधिकतम 120 मिनट में समाप्त होना चाहिए। ये उपाय पीपीसी सीमेंट के लिए बताया गया है।
जबकि पीसी सीमेंट के लिए, न्यूनतम 30 मिनट और अधिकतम 60 मिनट के अंदर प्रयोग कर लेना चाहिए।

इस अनुपात में करें मसालों का प्रयोग | Use cement mixture in this ratio

इस रेसियों में करें मसालों का प्रयोग | Use cement mixture this  in this recipe

घर निर्माण कराते समय किसी भी हालत में, सूखी या बहुत गीली ईंट चिनाई में नहीं लगनी चाहिए।

  • 4 इंच की दिवारों की चुनाई के लिए 1रू4 अनुपात का मसाला रखें।
  • 9 इंच की दिवारों के चुनाई के लिए 1रू5 या 1रू6 अनुपात का मसाला रखें।

1: चूना मसाला | Lime Masala

चूना मसाला सुर्खी सिंडर अथवा पोजोलाना पदार्थ मिलाकर बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल सीलन युक्त स्थानों तथा नींव में प्रयोग करना अच्छा माना जाता है। लेकिन इसकी सामर्थ सीमेंट मसाले से कम होती है। इसके प्रयोग का अनुपात चुना तथा सुर्खी का अनुपात 1:2 रखा जाता है।

2: सीमेंट मसाला | Cement Masala

इस समय दिवालों की चुनाई में सबसे अधिक सीमेंट मसाला का प्रयोग किया जाता है। सीमेंट में उचित अनुपात में बालू मिलाकर सीमेंट मसाला बनाया जाता है। इसकी खासियत की बात करें तो यह जलरोधक और अधिक सामर्थ वाला होता है। इसका प्रयोग दिवारो पर कई तरह से किया जाता है, जैसे भीतरी व बाहरी दीवारों तथा नीवो में।

सीमेंट मसाले का उपयोग अनुपात
सीमेंट रूबालू 1रू6 से 1रू5 = सामान्य चिनाई कार्य तथा प्लास्टर के लिए।
सीमेंट बालू 1रू3 = डांट या ग्राउडिंग कार्य तथा प्रबलित मसाला कार्य के लिए।

3: चूना सीमेंट मसाला | Lime Cement Spice

जब चूना मसाला में थोड़ी मात्रा में सीमेंट को मिलाया जाता है, तो इसे ही चूना सीमेंट कहते हैै। जब सीमेंट में चूना को मिला दिया जाता है तो यह गेज मसाला कहलाता है। इसकी खूबी की बात करें, तो इसे शीघ्र जमने योग्य बनाता हैै। दूसरी इसकी पानी से लड.ने की ताकत अधिक हो जाती है। यह मसाला पत्थर तथा ईट के साथ नींव की चुनाई में बहुत ही अच्छा माना गया है। इस मसाले को मिक्चर करने के बाद 2 घंटों के अंदर प्रयोग कर लेना चाहिए।
अनुपात की बात करें तों सीमेंट चूना मसाले का अनुपात 1:1:6 अथवा 1:1:9 (चूना, सीमेंट, बालू ) रखा जाता है।

4: पोजोलाना मसाला | Pozzolana Spice

शुद्ध चूना में पोजोलाना, जो एक प्रकार की ज्वालामुखी पर्वत से प्राप्त राखी होती है, इन दोनों को आपस में मिलाकर जो मसाला तैयार किया जाता है उसे ही पोजोलाना मसाला कहा जाता है। इसकी मजबूती सामर्थ अच्छी होती है।

5: काला मसाला | Black Masala

चूने में सिंडर अथवा राखी (1:3) मिलाकर यह मसाला बनाया जाता है। इसलिए इसको काला मसाला कहते हैं चूंकि सिंडर के कारण ही यह काला होता है। यह जमने पर बहुत ही कठोर हो जाता है। यह देखने मे काला होता है अतः भीतरी दीवारों की चिनाई में प्रयोग होता है। यह अन्य मसालों से सस्ता भी पड.ता है, इसलिए इसे सस्ते मसाले के नाम से भी पहचान मिलने लगी है।

6: मिट्टी -गारा | Mud Slurry

आज भी इसका प्रयोग गांवों में दिवालों की चुनाई के लिए लोग करते हैं, कच्ची पक्की चिनाई अथवा कच्ची ईटों की चुनाई के लिए मिट्टी-गारा प्रयोग किया जाता है। ऐसा नहीं कि इसके लिए कोई खास किस्म का चुनाई के लिए ईट का प्रयोग किया जाता है, बल्कि इसमें भी ईंट का प्रयोग किया जाता है।
इसकी खूबी की बात करें तो गारे की चिनाई में निर्मित दीवारें गर्मियों में ठंडी तथा सर्दियों में गर्म रहती है, इसके साथ ही यह सस्ती भी पड.ती हैं। इस प्रकार की चुनाई का प्रयोग हम कम वर्षां वाले क्षेत्रों में कर सकते हैं।

सार | Essence

घर के दिवारों के कन्स्ट्रक्शन में मुख्य वस्तु ईंट होती हैं, जिनकों कई पदार्थ से बने मसालों से जोड़ा जाता है, और इसी को दिवालों की चुनाई करना कहते हैं।
इस प्रकार चुनाई के मसालों का एक रेसियो तय किया गया है, उसी ही रेसियों में लोगों को मसाला बना कर घर का कन्स्ट्रक्शन कराना चाहिए। क्योंकि उचित रेसियों में बनाकर लगाए गये मसालों से दिवालों की मजबूती अधिक रहती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *