Door Frames

घर में डोर विंडों और चौखट बनवाते समय अपनाये यह तरीका, घर की सुंदरता में लगेंगे चार चांद | Follow this method while making door windows and door frames in the house

green wooden door

घरों में डोर विंडों और चौखट एक साथ ही बनवाए और लगवाए जाते हैं। जहां एक तरफ खिड़की दिवार में खुलने का एक प्रकार है, जो प्रकाश, ध्वनि और हवा को घरों में लाने का एक साधन होता हैं, तो वहीं दरवाजा और चौखट एक दूसरे के पूरक होते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, दरवाजे का समर्थन चौखट साइड जैम , सिल और हेड के द्वारा दरवाजे का समर्थन करते हैं। इन तीनों को बनाने के लिए ज्यादातर समय लकड़ी का उपयोग करके बनाया जाता है। वहीं अब अन्य विकल्प भी बाजार में आ गए है, जिनका प्रयोग करके इनको घरों में लगाया जाता है। इसके साथ ही कुछ अन्य बातें भी है, जिनका ध्यान डोर विंडों और चौखट को लगवाते समय रखना चाहिए, तो आइए जानतें है, उन सावधानियों को –

Table of Contents

घरों में दरवाजा लगवाते समय क्या सावधानियां रखें | What precautions should be taken while installing doors in houses

  • बेडरूम के दरवाजे की साइज 3 × 7 फीट की होनी चाहिए।
  • टॉयलेट और बाथरूम के दरवाजे की चौखट साइज 2.50 × 7 फीट की होनी चाहिए, इनकी साइज कुछ लोग अपनी आवश्यकता अनुसार घटा और बढ़ा कर लगवाते हैं।
  • दरजवाजे की चौखट लगवाते समय स्पोर्ट जरूर दें, ताकि यह सिधाई में लगे।
  • दोनों तरफ साहुल का प्रयोग करके मिस्त्री से बोलों की इसकी सिधाई जरूर देखें।
  • कॉलम में दरवाजे का होल फॉस को न फसांए
  • दरवाजे की चौखट को चुनाई के समय पर ही लगवाएं
  • मेन गेट लकड़ी का ही बनवाना चाहिए
  • दरवाजा बाहर कि तरफ नहीं खुलना चाहिए
  • दरवाजा खुलने में आवाज नहीं आनी चाहिए।
  • दरवाजें में कुंडे की हाइट 3 फीट पर होनी चाहिए।
  • हैंडिल की साइज 4 इंज की होनी चाहिए।
  • मेन दरवाजे का मजबूती के आधार पर बनवाएं।
  • छत का दरवाजा बाहर कि ओर खुलना चाहिए।

दरवाजों के मुख्य भाग | Main parts of doors Doorway 

दरवाजा का यह वह भाग होता है, जा हमेशा खुलता और बंद होता है। साफ शब्दों में कहें तो यह एक हिल सकने वाला ढांचा होता है। जिसका प्रयोग कमरें में प्रवेश करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

दरवाजे का ढांचा | Door Frame

Door Frame By Constructionswala

यह एक प्रकार से दरवाजे का समर्थन करती है, जिसमें चौखट भी शामिल है। यह लकड़ी के साथ ही कई अन्य धातुओं एल्यूमीनियम या स्टील में भी बनता है।

हेड या डोर हेड | Head or Door Head 

Head or door head by constructionswala

दरवाजे का यह भाग सबसे ऊपर होता है, जो दिवार से दरवाजे को स्पोर्ट देता है।

दरवाजें का पैनल | Door Panel  

Door Panel

दरवाजे की कल्पना इसके बिना नहीं की जा सकती है। क्योंकि दरवाजे का वह हिस्सा होता है जो खुलने और बंद होने के लिए हमेशा झूलता है।

चौखट | Jamb 

Jamb Door

एक डोर जंब फ्रेम का वह हिस्सा होता है जो दरवाजे के किनारे तक लंबवत चलता है।

देहली | Sill

Sill Door

एक दरवाजे की एक सिल फ्रेम के नीचे है और फर्ष के खिलाफ सपाट बैठती है।

सीमा | Threshold 

Threshold door frame

यह दरवाजे का वह भाग होता है जो घर के अंदर या कमरें के अंदर बाहर से आने वाले पानी या अन्य अनावश्यक चीजों को बाहर रखती है।

रेल | Rail

यह दरवाजे का क्षैतिज खंड होता हैं, जिसका प्रयोग सामन्यता सजावट के लिए किया जाता है। यह खंडों में बटा होता है।

सूई | Stile

यह दरवाजे के दोनों किनारों पर लगाए जाते है। इनका काम दरवाजे को दिवारों के साथ लगकर मजबूती देना होता है।

काज | Hinge

एक काज हार्डवेयर का एक टुकड़ा है, जो दरवाजे के पैनल को अंदर और बाहर स्विंग करने की अनुमति देता है।

चौखट के प्रकार | Types of Jamb

चौखट हमारे दरवाजे की नींव होती है ये उतनी ही जरुरी है जितनी आपके घर की नीव। यहां आपको कुछ चौखटों के प्रकार बताउंगा जो आजकल चलन में हैं।

एल्यूमिनीयम की चौखट | Aluminum Door Frame

अलुमिनियम की चौखट सबसे अधिक आफिस और दुकानों में की जाती है। इसको बार बार खोलने और बंद करने से भी जल्दी खराब नहीं होती है।

पत्थर की चौखट | Stone Door Frame

पत्थर की चौखट का चलन दोबारा से शुरू हो रहा है। लेकिन यह थोड़ी महंगी पड.ती है।

लकड़ी की चौखट | Wooden Door Frame

लकड़ी की चौखट का प्रयोग सामन्यता सबसे अधिक होता है। इसको हम कई आकारों में बनवाकर प्रयोग में ला सकते हैं। लकड़ी की चौखट लोगों की पहली पसंद होती है, साथ ही यह सुंदरता के लिए भी जानी जाती है।

जापानी चौखट | Japani Door Frame

इसको लोहा और जस्ता को मिलाकर बनाते है इसमें जंग नहीं लगती हैं। इस समय इसका प्रयोग सबसे अधिक चल रहा है।

स्टील की चौखट | Steel Door Frame 

स्टील की चौखट सामन्यता स्टील के दरवाजे के साथ लगकर आती है। इसलिए महंगा होने के कारण इसको जल्दी से कोई नहीं लेता है।

WPC/PVC चौखट | WPC/PVC Door Frame

ये प्लास्टिक की बनी चौखट होती है। अभी यह बाजार में विश्वास नहीं बना पायी है।

लोहे की चौखट | Iron Door Frame

इस प्रकार की चौखट सबसे सस्ती होती है। यह कम बजट के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

वास्तु शास्त्र में चौखट का महत्व | Importance of door frame in vastu shastra

वैसे तो चौखट के लगवाने के कई फायदे होते है, उनमें से अगर वास्तु शास्त्र के अनुसार फायदे के बारे बात करें तों, कहा जाता है कि जिस घर में चौखट नहीं होती है वहां पर लक्ष्मी का प्रवेश नहीं होता है। इसके साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि चौखट होने से घर-परिवार में शांति भी बनी रहती है, साथ ही नकारात्मक किरणें भी घर में नहीं आ पाती हैं।

खिड़की क्या है | What is window

घरों में खिड़की का अपना अलग ही महत्व है, जहां एक तरफ यह घरों के अंदर स्वच्छ और साफ सुथरी हवां लाती है, तो वहीं वास्तु के अनुसार घरों में खिड़की का होना घर की शांति व शुख का आयाम माना जाता हैं। इसके साथ ही खिड़कियां किसी भी घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं, जो घर में रोशनी , ताजी हवा और वेंटिलेशन प्रदान करती हैं, साथ ही विंडोज वास्तुशिल्प सजावट के लिहाज से भी बहुत उपयोगी होती हैं।

खिड़कियों के प्रकार | Types of windows

1.Fixed Window

ठस प्रकार की खिड़की को खोला और बंद नहीं किया जा सकता है। इनका निर्माण घरों में प्रकाश के मकशद से ही बनाया जाता है।

2-Sliding window

इस प्रकार की खिड़की को खोला और बंद किया जा सकता है, क्योंकि इनके शटर मूवेबल होते हैं। इस प्रकार की खिड़की की चौड़ाई की अधिक होती हैं। इतना ही नहीं इस खिड़की का एक किनारा हमेशा बंद रहता हैं। स्लाइडिंग विंडो को फ्रेम के आंतरिक स्थान के भीतर ले जाया जाता है। इसे खोलने के लिए किसी वाहरी जगह की जरूरत नहीं है।

3-Pivoted windows 

पिवोटेड खिड़कियों को ओपनर्स के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रकार की विंडो को 90 से 180 डिग्री तक आसानी से घुमाया जा सकता है।

4-Double hung windows

इसमें एक फ्रेम से जुड़े शटर की जोड़ी होती है। शटर को एक के ऊपर एक करके लगाया जाता है।

5-Louvered window

ये विंडों वेंटिलेशन का काम करती हैं। साफ शब्दों में कहें तो ये दरवाजों से बस थोड़ा ही साइज में कम होती हैं।

6-Casement windows

इस प्रकार की विंडों का प्रयोग आजकल सबसे अधिक मात्रा में किया जा रहा है। इनको दरवाजों के शटर की तरह खोला अथवा बंद किया जा सकता है। जिनके पैनल अधिक और कम दोनों हो सकते हैं।

7-Metal windows

इस प्रकार की विंडों का आमतौर पर हल्के स्टील का उपयोग धातु की खिड़कियां बनाने के लिए किया जाता है। ये विंडों अन्य विंडों से कम मूल्य के होते हैं। इनका व्यापक रूप से सार्वजनिक भवनों निजी भवनों आदि में उपयोग किया जा रहा है।

इसी तरह कुछ अन्य विंडों भी है जिनका प्रयोग किया जा रहा है वे इस प्रकार से हैं-

8 Sash windows

9 Corner windows 

10- Bay window  

11-Dormer window  

12-clerestory windows 

13- Lantern windows

14-Gable windows

15- Ventilators

16- Skylights

इन अधारों पर तय करें खिड़की की चौड़ाई | Determine the width of the window on these grounds

घरों में खिड़की लगवाते समय इन बातों का जरूर ध्यान दें। क्योंकि इनके माध्यम के आधार से घरों में लगाई खिड़की बहुत ही लाभदायक और दिखने में बहुत ही खूबशूरत लगती हैं। खिड़की को लगवाते समय जिन बातों को ध्यान में रखना हैं, वो इस प्रकार से हैं-
कमरे का आयाम
कमरे का उपयोग
कमरे का स्थान
प्रचलित हवाओं की दिशा और गति
क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियाँ
स्थानीय रुझान , सौंदर्य दृश्य

घरों में इस मानक के आधार में लगवाएं खिड़की | Install windows on the basis of this standard in homes

घरों में खिड़की को लगवाने के लिए एक मानक निधारित किया गया है, जिनका आप प्रयोग और उपयोग दोनों कर सकते हैं। वो इस तरह से हैं-

1.फर्स अस्तर से खिड़की की उंचाई 750 मिमी, 900 मिमी या 3 फीट रखा जाता

2.फर्स के स्तर से रसोई घर में खिड.की की उंचाई 105 मिमी रखते हैं।

घरों में इस साइज की खिड़कियों का करें प्रयोग | Use windows of this size in homes

घर को सजाने के लिए आजकल अनेकों प्रकार की खिड़कीयां बाजार में मिल रही हैं। लेकिन कुछ साइज के खिड़की तय किया गया है, जो आजकल सामन्य घरों से अच्छे घरों में लगाया जाता है। जिनका रिजल्ट भी बहुत सकारात्मक है। वो साइज इस प्रकार से हैं-
1.2′0″ × 3′0″ स्माल रूम
2.3′0″ × 4′0″ वेड रूम
3.6′0″ × 4′0″ लिविंग रूम
4.3′0″ × 3′0″ किचेन रूम

सार | Essence

घरों में डोर विंडो और चौखट का अपना अलग ही महत्व हैं, इनके बिना घरों की सुरक्षा और खूबशूरती की हम की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। वहीं जब आप घरों में इनको लगवाएं तो घर के साइज के आधार पर ही डोर विंडों और चौखट की साइज का निर्धारण तय करें।