घर, ऑफिस या मकान जिस पर टिका रहता है, उसकी जड. होती है, इनकी नीव। इसे बुनियाद भी कहते है। घर हो या ऑफिस बनवाने के लिए जब नीव की खुदाई कराते है, तो कुछ नीव पूजा की विधियां अपनाई जाती है। जिसको भारत में रहने वाला हर वर्ग के व्यक्ति मानते है। और अपनी रीति के अनुसार उसको फॉलों भी करते है।
वहीं नीव निर्माण में वास्तु शास्त्र का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। वास्तु शास्त्र में नींव पूजा की कई बातें बताई गई है, कि किस तरह से नींव पूजा करने से लाभ होता है। उन्हीं विधियों में से आपकों कुछ ऐसी नीव पूजा बताउंगा। जो नीव की खुदाई करते समय जरूर करना चाहिए। तो आइए जानते है, वो कौन सी नीव पूजा की बातें हैं जिसे करना चाहिए-
नींव पूजा में इन बातों का है अहम स्थान, भूलकर भी न करें भूल | Important Place in Foundation Worship

घर, आफिस और दुकान के निर्माण करने का एक सही स्थान और दिशा होता है। जिसको ध्यान में रखना बहुत ही जरूरी होता है। इनकों ध्यान में रखकर बनाया गया भवन, दुकान या आफिस व्यक्ति के जीवन में पॉजिटिव सोंच और समृद्धि लेकर आता है। लेकिन अगर कोई थोड़ी सी भूल सही स्थान और दिशा के साथ-साथ नीव पूजा में करता है, तो जीवन में समस्याओं को बढ़ा देता है। घर निर्माण के समय सबसे पहला काम नींव की खुदाई का किया जाता है।
व्यक्ति को यहां पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही नींव की खुदाई करवाने से लेकर उसे भरवाने और पूजन करवाने से संबंधित बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है। तो चलिए जानते है, कि नींव भरवाते समय किन बातों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। और कौन कौन सी बातों को नीव पूजा में अपनानी चाहिए।
इस महीने और समय में घर की नीव पूजा करना है शुभ, जानें क्यों | Worshiping The Foundation of The House

हिंदू कैलेंडर के चंद्रमास अनुसार वैशाख, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीष और फाल्गुन आदि माह में ही घर से संबंधित काम करवाना बहुत ही शुभ माना गया है। इतना ही नहीं इस मास में नीव पूजा कराना बहुत ही लाभकारी व धन योग माना गाया है।
अन्य महीनों में घर बनवाने की शुरूआत करने से बचना चाहिए। क्योंकि वे अधिकतर शुभ या अच्छा नहीं माने गये है। नींव पूजन और भवन निर्माण के समय ध्रुव तारे का ध्यान जरूर करें। वहीं अगर नीव पूजा का समय संध्या काल में पड. रहा हो तो उससे बचे। साथ ही इस बात का ध्यान रखे कि जो भी सामान नीव पूजा में लग रहा हो। वह सब नया ही होना चाहिए।
इस दिशा से नींव खुदाई करना है शुभ | It is Auspicious to Big The Foundation From This Direction

घर की नींव की खुदाई की शुरूआत सबसे पहले ईशान कोण से करें आपको बता दूं कि ईशान कोण जमीन के उस हिस्से को कहते है, जो उत्तर पूर्व दिशा में होेता है। इसके बाद आग्नेय कोण की खुदाई आरंभ करें।
आग्नेय कोण का मतलब दक्षिण पूर्व का कोना होता है। इसके बाद नीव के अन्य हिस्से की खुदाई करें। ऐसा माना जाता है कि प्रकार नीव की खुदाई कराने से नींव पूजा का लाभ योग अधिक हो जाता है।
नये घर की नींव पूजा में रखे इन बातों का ध्यान, नियमों में न करें कोई बदलाव | Keep these things in mind in foundation worship

एक अच्छा घर बनवाना और उसमें रहना हर एक व्यक्ति की चाहत और सपना होता है। यह सपना उसका उस समय पूरा होता है, जब उसके घर की नींव की पूजा की जाती है। क्योंकि यह वह समय होता है। जब उसके घर बनने का पहला चरण शुरू होता है, इसलिए व्यक्ति इस समय कोई ऐसा कार्य करना नहीं चाहता है। जिससे उसको कोई नूकसान हो। खासकर नींव पूजा में।
इसलिए आपको बता दूं कि नींव में एक चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा अवश्य रखवाना चाहिए। मान्यता है कि पृथ्वीलोक के नीचे पाताल लोक है जिसके स्वामी नाग हैं, इसलिए नींव पूजन में चांदी के नाग-नागिन रखवाएं जाते हैं।
साथ ही नींव पूजन करवाते समय दूध, दही और घी का उपयोग अवश्य करना चाहिए। यदि भूमि की खुदाई करते समय राख, कोयला, हड्डी और भूसा जैसी चीजें निकलती हैं। तो जरूरी करके नीव पूजा कराएं। इससे यह होता है कि जो भी समस्यांए होती हैं वे दूर हो जाती है।
नीव पूजा में घर की इन चीजों का प्रयोग | Use of These Things At Home in Foundation Worship

वैसे तों नीव पूजा में जितनी भी चीजे प्रयोग में लाई जाती हैं उनका अपना अलग ही स्थान है। लेकिन कुछ चीजे ऐसी भी हैं जो नीव पूजा में घर की सामिल की जाती हैं। इनके प्रयोग से ऐसी मान्यता हैं, कि कई दुख और बाधा दूर हो जाती है। ये घर की चीजे हैं दूध, दही और घी हैं। इसके साथ ही यह भी ध्यान में रखें कि पूजा समाप्त होने के बाद हवन में आम की लकड़ी का प्रयोग जरूर करें।
इस समय नींव पूजा से घर स्वामी बचे | At This Time Owner Should Be Saved From Worshiping The Foundation of the House.

घर निर्माण और नीव खुदाई का भी एक समय निर्धारित किया गया है। अगर घर का कोई भी सदस्य बीमार है, तो ऐसी स्थिति में नींव की खुदाई शुरू भूलकर भी न करें। इतना ही नहीं अगर घर में कोई महिला गर्भवती है, या गर्भावस्था का आखिरी समय चल रहा है, तो भी ऐसे में नींव की खुदाई कुछ समय के लिए रोक दें। इस समय अगर घर का स्वामी घर निर्माण का कोई भी काम नहीं प्रारम्भ करता है, तो उसके लिए लाभकारी होता है।
सार | Essence
हिंदू धर्म कई प्रकार के ऐसे ग्रंथ और शास्त्र अपने आप में संजोए हुए है। जो किसी भी व्यक्ति के साथ-साथ उसकी जीवन शैली को भी बदलकर उसको जीवन जीने की राह दिखाते हैं। जैसा कि हम लोग जानते हैं, हर मनुष्य के जीवन में किसी ना किसी प्रकार की कठिनाई आती रहती है। जिसकों लोग दूर करतें हैं।
उसी प्रकार से अगर घर बनवाते समय कुछ बातों का ध्यान नहीं देतें हैं। तो भी समस्या और बाधाएं आती हैं। जिसकों हम वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन निर्माण कराकर या उसके कुछ नियमों का पालन करके दूर करतें हैं। इसी नियमों में से एक नींव पूजा का नियम भी है। जिसे जरूर करना चाहिए।