
दोस्तों रेत नदी के तल में पाया जाता है, जिसका उपयोग कंक्रीट के साथ घर बनाने में किया जाता है। इसके उपयोग से बने घर बहुत अधिक मजबूत होते हैं। यह मुख्यतः बजरी से महीन होता हैं, जिसके अंदर गाद भी पाया जाता है। इसको खनन के द्वारा नदी से निकालने के बाद सीधे प्रयोग किया जा सकता है। जिस प्रकार से घर निर्माण के लिए ईंटों का उपयोग हर कदम पर किया जाता हैं, कुछ उसी तरह से ही रेत(Sand) का उपयोग घर बनाने में होता हैं। इसी के साथ रेत से संबंधित कुछ अन्य बातों को इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं।
रेत या बालू क्या है? | What Is Sand?

रेत नदी से मिलने वाली वस्तु होती हैं, जिसके उपयोग से घर का निर्माण कंक्रीट के साथ मिला कर किया जाता हैं। यह मार्टार बनाने का सबसे अहम हिस्सा होता हैं। रेत का कंक्रीट में उपयोग करके घर बनाने से घर मजबूत बनता हैं। साफ शब्दों में कहा जाए तो यह क्रेशर से बनाए जाने वाला महीन पदार्थ है।
रेत का निर्माण | Sand Making

रेत का निर्माण पत्थरों के आपस में टकराने से होता हैं। जब पत्थर पहाड़ी नदी में बहाव के दौरान आपस में टकराते हैं तो इस दौरान ये छोटे छोटे कणों में टूटते हैं तभी बालू या रेत का निर्माण होता है। रेत के अंदर खनिज कण या समुद्री सामग्री से युक्त गैर-समेकित दानेदार सामग्री का तत्व भी पाया जाता हैं। इसमें मुख्य रूप से सिलिकेट खनिजों और सिलिकेट पत्थरों के दानेदार कणों का अंश भी पाया जाता हैं। बालू में मुख्य खनिज क्वार्ट्ज है, क्योंकि इसमें मौसम के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी गुण होते हैं। अन्य सामान्य चट्टान बनाने वाले खनिज जैसे उभयचर और अभ्रक भी रेत में पाए जाते हैं।
रेत के प्रकार और रंग | Sand Type And Color
बालू कई प्रकार और रंगों में पाए जाते हैं, जिनका उपयोग भौगोलिक आधारों पर किया जाता हैं। जो इस प्रकार से हैं –
टुकड़े-टुकड़े बालू | Fragments Sand

इस प्रकार का बालू या रेत पत्थरों के टुकड़ों का एक हिस्सा होता हैं, जिसके अंदर कार्बनिक या कार्बनिक रूप से व्युत्पन्न खंडित सामग्री के ही अंश होते हैं। इसके साथ इस बालू का निर्माण होने से इसका रंग भी इन पदार्थों के अनुसार ही होता हैं। मैग्नेटाइट, क्लोराइट, ग्लौकोनाइट या जिप्सम भी इसमें पाया जाता हैं।
काली रेत | Black Sand

काली रेत का निर्माण ज्वालामुखीय खनिजों, लावा के टुकड़ों और प्रवाल निक्षेपों से बनती हैं। ज्वालामुखी का जब विस्फोट होता हैं, तब उसमें से बहुत से खनिजीय पदार्थ निकलता हैं, उसी में से काली रेत भी एक पदार्थ होता हैं। जिसका उपयोग घर के निर्माण में किया जाता हैं।
गुलाबी रेत | Pink Sand

गुलाबी रेत मुख्यता एक समुद्रीय जीव के माध्यम से प्राप्त किया जाता हैं, जिसको फोरामिनिफेरा कहा जाता हैं। इसके उपर एक लाल-गुलाबी खोल होता है, जो इस रंग के लिए यह जिम्मेदार होता हैं। इस मिश्रण में मूंगा, खोल और कैल्शियम भी पाया जाता है।
लाल-नारंगी रंग की रेत | Red & Orange Color Sand

लाल-नारंगी रंग की रेत(Sand) आयरन ऑक्साइड के लेप के कारण बनता है। यह रेत बहुतायत मात्रा में रेगिस्तान के क्षेत्रों में पाया जाता हैं। इस रेत का एक स्थान से दूसरे स्थान पर विस्थापन हवा के माध्यम से होता रहता हैं।
सफेद-ग्रे रंग की रेत | White & Grey Color Sand

इस प्रकार की रेत(Sand) बारीक गोल दाने की होते हैं, और यह अच्छी तरह से वर्गीकृत होता है। आम रेत से थोड़े भिन्न होता हैं। यह भिन्नता इसके आकार के कारण प्राप्त हुई हैं।
रेत का साइज | Size Of Sand
रेत के साइज की बात करें तो यह 0.06 mm से 2 mm तक बड़े कण होते हैं। इसके साथ ही जो कण 0.0625 मिमी के आकार के होते है, उनको गाद कहा जाता है। सबसे छोटे आकार के बालू जिसे महीन बालू कहा जाता हैं, के सभी कण 16 चलनी से होकर गुजरने के बाद मिलता हैं। जिसे पलस्टर के काम में लाया जाता है
वहीं मोटी रेत के सभी कण नंबर 8 चलनी से गुजरने से मिलता है। इस प्रकार की रेत का उपयोग आमतौर पर मोर्टार और चिनाई जैसे कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जाता हैं। जबकि मोटे बालू के कण क्रमांक 4 की छलनी से होकर गुजरना चाहिए।
रेत का उपयोग | Use Of Sand

वैसे तो जब रेत की बात आती है, तो यह समझा जाता हैं, कि रेत (Sand) का उपयोग केवल घर बनाने में किया जाता है। लेकिन ऐसा कहना उचित नहीं होगा, रेत का उपयोग अन्य कई कामें के लिए भी किया जता है, जो उपयोगिता के लिहाज से बहुत ही जरूरी होता हैं। घर निर्माण के अतरिक्त अन्य उपयोग में पानी को छानने, सैंडपेपर बनाने और जंग को उतारने जैसे कामों में शामिल किया जाता हैं।
रेत का उपयोग सड़क बनाते समय भूमि को समतल बनाने के लिए भी किया जाता है, जो कि समतल परत का कार्य करता है। इसके साथ ही घर के निर्माण में प्लस्तर, मोर्टार, कंक्रीट, और डामर में होता हैं। इसके साथ ही इसका उपयोग तेल रिसाव या किसी भी रिसाव को साफ करने के दौरान भी होता रहता हैं। इसका एक उपयोग आग बुझाना भी है।
मैन्युफैक्चर रेत और नदी रेत के बीच अंतर | Difference Between Manufacture Sand And River Sand
मैन्युफैक्चर्ड रेत (Sand)का स्त्रोत क्रेशर और कारखाना होता है। वहीं नेचुरल रेत नदी से पाया जाता हैं। जिसे खनन के द्वारा निकाल कर तुरंत प्रयोग में लाया जाता है।
अब बात करते हैं मैन्युफैक्चर्ड रेत की, इसमें किसी भी प्रकार के अतरिक्त पदार्थ नहीं पाया जाता है, क्योंकि सैंड़ को पहले से ही आवश्यक आकार में डिजाइन और सहेजा जाता है जो कि 4.75 mm से कम होता है। इसी प्रकार दोनों में कुछ अन्य अंतर पाए जाते हैं, जो इस प्रकार से है –
- नदी की रेत में अपव्य अधिक पाए जाते , जबकि मैन्युफैक्चर्ड रेत में नाम मात्र के ही अपव्य होते हैं।
- नदी के रेत में कंक्रीट सामन्य रूप से एक अनुपात में पाए जाते हैं, जबकि मैन्युफैक्चर्ड रेत में कंक्रीट का सेटिंग समय सामान्य से अधिक होता है।
- मैन्युफैक्चर्ड रेत आकार में क्यूबिकल और कोणीय होता हैं। वहीं नदी के रेत कई आकारों पाए जाते हैं।
- मैन्युफैक्चर्ड रेत की सतह खुरदरी होती है, लेकिन नदी के रेत की सतह चिकनी पायी जाती हैं।
- मैन्युफैक्चर्ड रेत मे गाद नहीं पायी जाती हैं, जबकि नदी के रेत में गाद होती हैं, जो मार्टार बनाने में सहयोग करता हैं।
- मैन्युफैक्चर्ड रेत में नमी नाममात्र की होती है, वहीं नदी के रेत में नमी भरपूर मात्रा में पायी जाती हैं, क्योंकि इसको नदी से प्राप्त किया जाता हैं, जहां पर यह कई दिनों तक पानी में बरकरार रहता हैं।
- मैन्युफैक्चर्ड रेत का घनत्व 1.75 ग्रामध्घन सेंटीमीटर है। जबकि नदी की रेत का थोक घनत्व 1.4 ग्रामध्घन सेंटीमीटर में पाया जाता हैं।
सार | Essence
रेत (Sand) जिसका निर्माण नदी के भीतर पत्थरों के आपस में टकराने से और पहाड़ों के टूटने से होता है, जो वर्तमान समय में बहुत ही उपयोग वस्तु है। जिस प्रकार से कंस्ट्रन का काम अधिक हो रहा है, उसी रफ्तार से इसका इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन मांग अधिक होने से बाजारों में कम गुणवत्ता वाले रेत (Sand) आ गए हैं, जिसे लोग कम जानकारी के कारण खरीद रहें हैं, जो आपके घरों के लिए हानिकारक होंगें। इसलिए इनकी खरीदारी करते समय सावधानी बरतना चाहिए।