स्कैफोल्डिंग

स्कैफोल्डिंग के प्रकार, भाग और परिभाषा को जानें? | Know the types, parts and definition of Scaffolding?

स्कैफोल्डिंग

दोस्तों स्कैफोल्डिंग वह साधन होता है, जिसका प्रयोग करके बड़ी बिल्डिगों भवन और पुलों को बनाया जाता हैं, इसकी सहायता से मटेरियल को जमीन से ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाने का काम किया जाता हैं। स्कैफोल्डिंग प्रभाव में उस समय आया जब चीन की दीवार और मिस्त्र के पीरामिड का निमार्ण किया जा रहा था। स्कैफोल्डिंग एक अस्थायी संरचना है। इसकी सहायता से ही कार्य दल इमारतों, पुलों और अन्य सभी मानव निर्मित संरचनाओं के निर्माण, रखरखाव और मरम्मत में सहायता करता हैं।

स्कैफोल्डिंग के प्रकार | Types of scaffolding

आज के समय में स्कैफोल्डिंग निर्माण करने में अनेक प्रकार से प्रयोग किया जाता है। पिछले वर्षों में इसका निर्माण सीमित क्षेत्रों तक ही सीमित था। लेकिन इस समय भवन और पुलों के निर्माण में विभिन्नता के चलते इसका प्रयोग भी अनेकों प्रकार से किया जाता है। इसके साथ ही भवन निर्माण व किसी भी प्रकार के निर्माण के चैलेंज को पूरा करने के लिए स्कैफोल्डिंग के प्रकार का यूज होता हैं। तो आइए जानते हैं वे कौन से स्कैफोल्डिंग होता हैं, जिनका प्रयोग लंबे समय से होता आ रहा हैं।

एकल मचान | Single Scaffolding

Single scaffolding

इस प्रकार के मचान का उपयोग अधिकतर चिनाई के दौरान प्रयोग में लाया जाता हैं। जिसको स्पोर्ट देने के लिए जमीन का सहारा लिया जाता हैं। इसके बाद प्रत्येक को एक दूसरे से जोड.कर बांधा जाता हैं। अधिकतर इस प्रकार के मचान बांस और लकड़ी के बने हुए होते हैं। ये जमीन में 1.5 मीटर से 2.0 मीटर की दूरी पर और निर्माण की जाने वाली दीवार से लगभग 1.2 मीटर दूर होते हैं।

डबल मचान | Double Scaffolding

Double Scaffolding

इस मचान को सिंगल मचान की तुलना में अधिक मजबूत माना जाता हैं। डबल मचान में दो पक्तियों को एक साथ रखा जाता हैं। इसलिए इस मचान को वजन का वाहक यानी की अधिक वजन रखने वाला मचान भी मानते हैं। यह एक स्वतंत्र और मजबूत संरचना बनाते हैं। इसका उपयोग उस स्थान पर अधिक किया जाता है, जहां पर पत्थर की चिनाई की जाती हैं।

ब्रैकट मचान | Cantilever Scaffolding

Scaffolding

इस मचान का इस्तेमाल उस स्थान पर अधिक किया जाता है, जहां पर सतह समतल नहीं होती हैं। क्योंकि अपनी खास खूबी के कारण यह वहां पर अत्यधिक प्रभावी माना जाता हैं, जब रखरखाव या निर्माण की बहुत ऊंचाई पर आवश्यकता होती है, या किसी भी परियोजना को पूरा करने में जगह की कमी होती है, उस स्थान पर भी इसके प्रयोग को तवज्जों दिया जाता है। ब्रैकट मचान के तीन मुख्य घटक होते हैं। वे इस प्रकार से हैं।
एक मंच
टो बोर्ड्स
सुरक्षात्मक रेल

निलंबित मचान | Suspended Scaffolding

Suspended Scaffolding

इस प्रकार की मचान हाइट स्टील फ्रेम निर्माण के साथ-साथ मेलर कार्यों जैसे पेंटिंग डिस्टेंड पीयरिंग जैसे कामों को करने के लिए लाया जाता हैं। इसको स्पोर्ट केबलो और जंजीरों की सहायता से छत के माध्यम से दिया जाता हैं। इसको प्रयोग करते समय उपर और नीचे किया जा सकता हैं। जिससे काम को सरलतम तरीके से करने में सहायता मिलती हैं।

ट्रेस्टल मचान | Trestle Scaffolding

Trestle Scaffolding

ट्रेस्टल मचान को सिंगल मचान के नाम से भी जाना जाता हैं। वह इसलिए क्योंकि यह केवल एक पंक्ति का बना हुआ होता हैं। आम तौर पर, भवन निर्माण के लिए एक ही मचान का उपयोग किया जाता है। जिसे आसानी से साईटों पर देखा जा सकता है। लेकिन यह जोखिम भरा हुआ होता हैं।

ट्रेसल मचान | Trestle Scaffolding

ट्रेसल मचान

यह 5 मीटर की ऊंचाईयों वाला मचान होता हैं, जो चलने वाला होता हैं। ट्रेसल मचान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जा सकते हैं, क्योंकि इसमें पहिया लगा हुआ होता हैं। उनका उपयोग हल्के-फुल्के कार्यों के लिए किया जाता है। आमतौर पर यह इनडोर कार्यों के लिए होता हैं। भवन यह बड़े हाल के कमरों में इसके द्वारा आसानी से काम को पूरा किया जा सकता हैं।

स्टील मचान | Steel Scaffolding

Steel Scaffolding

स्टील मचान लगभग लकड़ी के समान ही हैं, बस थोड़ा सा अंतर पाया जाता है। सबसे बड़ा अंतर यह होता है, कि स्टील मचान धातु का होता हैं। स्टील धातु की मोटाई लगभग 5 मिमी है। इसको बनाने के लिए स्टील ट्यूबों का प्रयोग किया जाता हैं, जो कप्लर्स या स्टील फिटिंग से जुड़े होते हैं। इसलिए इसको काम के लिए बनाना और तोड़ना बहुत आसान है। यह सुराक्षत्म मचान होता हैं, इसलिए इसका प्रयोग इस समय अधिक हो रहा हैं।

पेटेंट मचान | Patent Scaffolding

Patent Scaffolding

यह भी स्टील से बना हुआ होता हैं, लेकिन इसकी यह खाशियत होती है कि यह विशेष कपलिंग और संरचनाओं आदि से व्यवस्थित होता हैं। इस मचान का इस्तेमाल मंच कार्य बनाने के लिए अधिक किया जाता हैं।

लकड़ी के गैन्ट्री मचान | Wooden Gantry Scaffolding

Wooden Gantry Scaffolding

यह बहुत ही आसानी से तैयार होने वाला मचान होता हैं। जो छोटे छोटे कार्यों को करने के लिए प्रयोग में लाया जाता हैं। वहीं निर्माण कार्यों में जहां संरचनात्मक सामग्री हाथ से सौंपने की क्षमता से अधिक होती है वहां पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता हैं।

लकड़ी और बांस मचान | Wooden & Bamboo Scaffolding 

Wooden & Bamboo Scaffolding 

इस प्रकार के मचान का प्रयोग, गांवो और कम विकसित क्षेत्रों में आसानी से देखा जा सकता हैं। खासकर एशिया के देशों में। क्योंकि यह सच है कि बांस आमतौर पर एशिया में आसानी से मिल जाता हैं। इसलिए इसका उपयोग प्रयोगात्म तरीके से अधिक किया जाता है। मजबूती में भी यह अच्छा माना जाता रहा हैं।यह हल्का होने के साथ ही लंबाई में भी अन्य लकड़ी से अधिक होता हैं।

ट्यूब और क्लैंप मचान | Tube & Clamp Scaffolding

Tube & Clamp Scaffolding

मचान का यह प्रकार बांस के मचान से एडवांस होता हैं। क्योंकि यह यह स्टील धातु का स्कैफोल्डिंग होता है। इसको इस प्रकार से बनाया गया है कि इसमें दो भाग होते हैं, जिनमें ट्यूब और क्लिप शामिल हैं, जिन्हें ‘युगल’ कहा जाता है। इन्हीं युगल की सहायता से ही इनको आकार दिया जाता हैं। इसे आसानी से असेंबली और डिस्सेप्लर किया जा सकता हैं, जिससे समय की और लेबर का चार्ज दोनों की बचत होता हैं।

मचान डिजाइन करते समय इन बातों का रखें ध्यान | Keep these things in mind while designing Scaffolding

जैसा की आप लोग जानते हैं कि भवन, बिल्डिंग और पुलों का निर्माण मचानों की सहायता से किया जाता हैं, मचान ही लोगों की सुरक्षा की नींव के रूप में काम करता हैं। इसलिए इसे अत्यंत सावधानी से डिजाइन किया जाना चाहिए। एक अच्छे मचान की डिजाइन के लिए इन बातों पर विचार करना बहुत जरूरी हैं। जिस पर जिम्मेदारान लोगों को ध्यान देना चाहिए।

  • सहायक संरचना ताकत, स्थिरता और कठोरता दोनों का समावेश बराबर होना चाहिए।
  • मचान के निर्माण, परिवर्तन और निराकरण में जुड़े कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए, जो इसका उपयोग करते हैं।
  • मचान डिजाइन करते सयम ही सेवा अवधि के दौरान ही उस पर अधिकतम लगने वाला बल या भार पर विचार करना चाहिए।

मचान बनाने में लगने वाला सामान | Scaffolding Material

Tube & Clamp Scaffolding

मचान के लिए व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली सामग्री स्टील और एल्यूमीनियम हैं। लेकिन इससे पहले बांस या अन्य वस्तुओं के मचानों को बनाकर प्रयोग किया जाता रहा हैं, जिसका वजूद और प्रभाव वर्तमान समय में भी दिखाई देते हैं।
लेकिन आधुनिकरण के बढ़ते प्रभाव में धातुओं के मचान का अस्तित्व आ गया हैं।
इसमें सबसे अधिक स्टील के मचान का असर दिखाई देता हैं, जो अपनी महान शक्ति और स्थायित्व के कारण मचान के लिए सबसे पसंदीदा सामग्री है। यह उच्च भार को आसानी से उठा सकता हैं, इसके साथ ही श्रमिक इसका उपयोग भारी उपकरण और आपूर्ति के परिवहन के लिए सरलता के साथ कर सकते हैं।

  • वहीं कम ऊंचाई वाली स्थितियों के लिए एल्युमीनियम एक अच्छा विकल्प के तौर पर माना जाता है।
  • लकड़ी के बोर्डों का उपयोग मचान फर्श सामग्री के रूप में किया जाता है, लेकिन उनके सिरों को धातु की प्लेटों द्वारा सुरक्षित रखने का काम किया जाता हैं।

मचान से होने वाले जोखिम | Scaffolding Risks

मचान पर काम करना जोखिमों से भरा हुआ होता हैं। जिसमें अनाश्यक तार , ओवर लोडिंग, मचान को बेस न देना अनुचित रेलिंग स्थापना, अनुचित निर्माण और तख्तों से फिसल कर गिरना जैसे जोखिम शामिल होता है। लेकिन कुछ सूझ बूझ के साथ इसको कम किया जा सकता हैं। एक अध्यन के मुताबिक 65 प्रतिशत लोगों को काम करने के लिए इसकी जरूरत होती है।

मचान के जोखिमों से बचाव | Avoiding Scaffolding Risks

खतरों से बचने के लिए हमेशा निर्माण कार्य शुरू करने से पहले हर दिन मचान का निरीक्षण करने का सुझाव दिया जाता है। जिसमें यह ध्यान रखा जाता है, कि काम के दौरान मचान में कोई कमी तो नहीं आई हैं। सुरक्षा के पड़ाव को सुिनश्चित करने के लिए कई संगठन एक मानक चेकलिस्ट का उपयोग करते हैं, जिसको साइट पर फॉलों करना आवश्यक किया गया हैं। यह सब इसलिए किया जाता है कि मचान और मचान से जुड़े लोंगों को किसी भी प्रकार की क्षति या नुकशान न होने पाए।

मचान के प्रमुख भाग या घटक | Major Parts Or Components Of Scaffolding

मचान को मचान का आकर देने में मचान के भाग और घटक की भूमिका सर्वोपरि होता हैं। इनके द्वारा हम मचान को आकर नहीं दे सकते हैं। ये इस प्रकार से हैं-

  • मानक
  • लेजर
  • मचान ट्यूब
  • विकर्ण ब्रेसिज

सार | Essence

मचान की उपयोगिता उस समय अधिक होने लगी, जिस समय से कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में नई-नई चुनौतिया आने लगी। इसका नतीजा यह हुआ कि भवनों के निर्माण में अनेक प्रकार के मचानों के प्रयोग पर भी बल दिया जाना लगा हैं। लेकिन इस बदलाव का यह फायदा हुआ कि, समय के साथ मचान को सुरक्षात्मक तरीके से डिजाइन किया जाने लगा हैं। इसके साथ ही मचान का प्रभाव भी बढ.ता गया, जिसका उदाहरण यह है कि आज के समय में मचान के बिना हम एक अच्छे निर्माण की कल्पना नही कर सकते हैं।