Importance Of Houses Built By Vastu Shastra

वास्तु शास्त्र के द्वारा बनाए गए घरों के लाभ और महत्व | Benefits And Importance Of Houses Built By Vastu Shastra

Houses Built By Vastu Shastra

घरों में सफलता और सकारात्मक ऊर्जा के लिए घर का निर्माण वास्तु शास्त्र(Vastu Shastra) के द्वारा किया जाना चाहिए। आज के समय में लगभग हर घर काअपने घर का निर्माण कराने से पहले वास्तु शास्त्र के बिंदुओं को जरूर देखते हैं। जब कोई भी घर स्वामी अपने घर का निर्माण करता हैं, तो वह वास्तु शास्त्र के द्वारा बताई गई मुख्य दिशाओं का विशेष ध्यान देता हैं। ताकि उसके घरों में कोई बाधा न आने पाए और सुख व्याप्त रहे। तो आइए जानते हैं कि किस प्रकार से वास्तु को घर निर्माण करने के दौरान बहुत ही उपयोगी बताया गया हैं |

Table of Contents

क्या हैं, वास्तु शास्त्र | What Is Vastu Shastra

Vastu Shastra

वास्तु शास्त्र(Vastu Shastra) एक विज्ञान हैं, जो घर, प्रासाद, भवन अथवा मंदिर निर्माण के दौरान अपनाया जाता हैं। वास्तु शास्त्र को ही आधुनिक समय में आर्किटेक्चर का एक रूप माना जा रहा हैं। इतना ही नहीं जीवन में जिन वस्तुओं का हम अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं, उसका रख रखाव किस प्रकार से किया जाए, यह सब भी वास्तु विज्ञान में बताया गया हैं। इसके साथ ही घर के निर्माण में कौन से बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए उसकी जानकारी भी विस्तार रूप से दी गई हैं।

वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार की दिशा | Direction Of Main Door According To Vastu

Direction Of Main Door According To Vastu

घर का मुख्य प्रवेश द्वार प्रत्येक कारणों से बहुत ही अधिक महत्वूर्प होता हैं, इसलिए इसे वास्तु शास्त्र(Vastu Shastra) में विशेष महत्व प्रदान हैं। घर के मुख्य प्रवेश द्वार ऐसी जगह मानी जाती हैं, जहाँ से परिवार के सदस्यों का अधिक आना जाना होता हैं, और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य द्वार के लिए सर्वोत्तम उत्तम दिशा जो मानी गई हैं, वो उत्तर, उत्तर-पूर्व, पश्चिम या पूर्व हैं।

वास्तु के मुताबिक सबसे अच्छी दिशा वाला मकान | Best Direction House According To Vastu

Best Direction House According To Vastu

वास्तु शास्त्र(Vastu Shastra) में दिशा का विशेष स्थान होता हैं। वहीं इस विज्ञान में सबसे अधिक महत्वता पूर्व दिशा को दिया गया हैं। क्योंकि यह एक ऐसी दिशा होता हैं, जहाँ से सूर्य उगता है, और ढेर सारी सकारात्मकता वाली ऊर्जा लाता है। इसलिए सर्वोत्तम दिशा वाला मकान उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा वाले घर को माना गया हैं। यह दिशा घर कि निवासियों के लिए अनेक प्रकार से शुभ होता है क्योंकि इसी दिशा में धन के देवता कुबेर का शासन भी होता है। वहीं वास्तु शास्त्र के मुताबिक उत्तर दिशा में घर का प्रवेश द्वार बनाना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के द्वार वाले मकान होने से ऊर्जा, धन, भाग्य और समृद्धि घर में आती हैं।

उत्तर-पश्चिम मुख वाला घर | North West Facing House

वास्तु वास्त्र(Vastu Shastra) में उत्तर पश्चिम दिशा मुख वाले घर को भी महत्वता दी गई हैं। ऐसी प्रवेश दिशा वाले घरों में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। ऐसा माना जाता हैं, कि पश्चिम दिशा की ओर मुख वाले प्रवेश द्वार घर में शाम के समय में धूप आती हैं, जो धन को आकर्षित करती हैं। इसके साथ ही वास्तु में यह भी बताया गया हैं, कि पीतल से बने पिरामिड और हेलिक्स का उपयोग करने से उत्तर-पश्चिम मुखी घर में नकारात्मक प्रभाव नहीं आते हैं।

वास्तु के अनुसार घर में बेडरूम की दिशा क्या होनी चाहिए | According To Vastu, What Should Be The Direction Of The Bedroom In The House?

Direction Of The Bedroom In The House

घर के निर्माण कार्य के दौरान घर के प्रतयेक कमरों का वास्तु विज्ञान के अनुसार दिशा तय बताई गई है। इसी क्रम में शयनकक्ष यानी बेडरूम की दिशा का भी निर्धाण किया गया हैं। वास्तु शास्त्र(Vastu Shastra) के अनुसार बेडरूम के लिए पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा सबसे उचित मानी गई है। इसलिए जब कभी भी घर का निर्माण करा रहे हैं तो इस दिशा का ध्यान रखे। इसके साथ ही दक्षिण-पश्चिम दिशा मास्टर बेडरूम के लिए उपयुक्त मानी गई।

वास्तु के अनुसार घर में लिविंग रूम की दिशा | Direction Of Living Room According To Vastu

Direction Of Living Room According To Vastu

वास्तु शास्त्र(Vastu Shastra) के मुताबिक घर में लिविंग रूम की दिशा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। वहीं अगर आपका घर दक्षिण की ओर है, तो लिविंग रूम दक्षिण-पूर्व में कर सकते हैं। क्योंकि इस प्रकार के घरों के कमरों में अच्छी ऊर्जा आती हैं, जो सकारात्मकता से पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही अक्सर लिविंग रूम को हल्के पीले नीले, सफेद या हरे रंग के साथ पेंट कराए।

घर मे पूजा कक्ष की दिशा | Direction Of Worship Room At Home

वास्तु(Vastu Shastra) के मुताबिक घर में पूजा का कक्ष उत्तर-पूर्व, पूर्व और उत्तर की दिशा में रखना सबसे उत्तम हैं। वहीं घरों में जब पूजा के कक्ष को पिरामिड जैसी संरचना में निर्माण कराना चाहिए। इसके साथ ही यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि पूजा कक्ष को शयनकक्ष में नहीं रखना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के मुख्य द्वार के लिए ध्यान में रखने वाली महत्वपूर्ण बिंदु | Important Points To Keep In Mind For The Main Door Of The House As Per Vastu Shastra

घर का मुख्य द्वार घर को आकर्षक बनाने के साथ ही बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया हैं। इसलिए इसको हमेशा साफ सुथरा और सुंदर बनाए रखना चाहिए। वहीं अगर वास्तु के लिहाज से मुख्य द्वार के बारे में बात की जाए तो बताया गया हैं कि मुख्य द्वार में लकड़ी का दरवाजा रखना सर्वोत्तम है, इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अगर मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हो तो लकड़ी और धातु के संयोजन वाला दरवाजा प्रयोग में लाया जाना चाहिए। वहीं मुख्य द्वार के बराबर घर में अन्य दरवाजों के प्रयोग में न लाए। वास्तु(Vastu Shastra) के मुताबिक अन्य दिशाओं के लिए कुछ इस प्रकार के दिशा निर्देश बताए गए हैं।

  • पश्चिम मुखी घर के मुख्य द्वार के लिए वास्तु में धातु का दरवाजा प्रयोग में लाया जाना उचित माना गया हैं।
  • उत्तर दिशा का दरवाजा चांदी के रंग का शुभ माना गया है।
  • मुख्य दरवाजे के समानांतर तीन दरवाजे घर में न लगवाएं।
  • मुख्य द्वार को धार्मिक प्रतीकों से सजा सकते हैं।

वास्तु शास्त्र के आधारों पर बने घरों की महत्वता | Importance Of Houses Built On The Basis Of Vastu Shastra

Importance Of Houses Built On The Basis Of Vastu Shastra

मिली जानकारी के मुताबिक बताया गया हैं कि वास्तु शास्त्र(Vastu Shastra) में ऐसी मान्यता है कि पांच तत्वों को संतुलित करके व्यक्ति अपने जीवन में सुख और सौभाग्य को प्राप्त कर सकता हैं। वहीं वास्तु शास्त्र में दिशाओं की बहुत ही महत्वता बताई गई हैं। क्योंकि जब आप अपने घरों का निर्माण उचित और व्यवस्थित तरीके से करते हैं, तो उसे सुख और समृद्धि का आधार माना जाता हैं। इसलिए यह कहा जाता हैं, कि जब घरों का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार कराना चाहिए। क्योंकि वास्तु शास्त्र के मापदंडों के आधार पर बनाए जाने वाले घरों में सकारात्मक ऊर्जा आती हैं।

सार | Summary

वास्तु शास्त्र घर बनाने का एक ऐसा विज्ञान या प्राचीन प्रणाली हैं, जिसमें उन सभी बातो का उल्लेख किया हैं, कि घर निर्माण के दौरान किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि बेडरूम कहां होगा, दरवाजे किस तरफ होंगे, रूम की मितनी साइज होनी चाहिए, लिविंग रूम की क्या कैसा होना चाहिए, किचन और बाथरूम कि क्या दिशाएं होगी आदि। इसके साथ ही उन बातो का भी उल्लेख किया गया हैं, कि घर के निर्माण के समय क्या सावधानिए अपनाई जानी चाहिए, जिससे घर में प्रवेश करने के बाद सुख शांति बने रहे।