वास्तु शास्त्र की सहायता से इस प्रकार बनवाये घर का नक्शा, होगा जीवन मंगलमय | With The Help of Vastu Shastra, Make a Map of The House in This Way, Life Will Be Auspicious

दोस्तों आपकों बता दें, कि जिस तरह से जीवन जीवने के लिए एक जीवन शैली होती है, उसी तरह से घर बनवाने के लिए कुछ शास्त्रों में नियम बताये गयें हैं। उस शास्त्र का नाम वास्तु शास्त्र है। इसका महत्व घर बनवाने में बहुत है, इसलिए इसी के आधार पर अपने घर का नक्शा बनवाकर निर्माण करना चाहिए। क्योंकि अगर कोई भी व्यक्ति वास्तु शास्त्र के नियमों के अधार पर अपने घर का नक्शा तैयार करवाता है, तो उसका जीवन मंगलमय रहता है। तो चलिए जानते हैं, कि वास्तु के अनुसार किस तरह का घर का नक्शा बनवाना चाहिए।

क्यों जरूरी हैं वास्तु शास्त्र अनुसार घर का नक्शा? Why is The House Map Necessary According to Vastu Shastra?

क्यों जरूरी हैं वास्तु शास्त्र अनुसार घर का नक्शा? Why is the house map necessary according to Vastu Shastra?|

वास्तु अनुसार घर का नक्शा बनाना बहुत ही लाभदायक रहता है। वो इसलिए, कि जब आप घर का नक्शा वास्तु के द्वारा बनवाते हैं, तो आपके घर में वास्तु दोष से होने वाले विकार दूर रहते हैं। घर में सभी चीजे व्यवस्थित रहती हैं। क्योंकि जब भी आप वास्तु के अनुसार घर का निर्माण करते हैं, तो उसमें कई ऐसे बिंदुओं को बताया गया है, जो घर की खूबशूरती को निकाल कर सामने लाते हैं, इतना ही नहीं घर में प्रयोग होने वाले वस्तुओं के बारे में भी बताया गया है, कि कौन सी वस्तु को कहां पर रखने से घर में विकार उत्पन्न नहीं होगा, और नकारात्मक किरणे नहीं आयेंगी।

वास्तु में दिशाओं की भूमिका को जाने? Know The Role of Directions in Vastu?|

वास्तु में दिशाओं की भूमिका को जाने? Know the role of directions in Vastu?|

वास्तु शास्त्र में दिशाओं की बहुत बड़ी भूमिका होती हैं। इन्हीं दिशाओं को देखते हुए घर का नक्शा बनाया जाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक 9 दिशाएं बतायी जाती है। जिसमें से 8 दिशा होती हैं, और एक मध्य दिशा मानी जाती है। वास्तु में मध्य दिशा काफी उपयोगी होती है। वह इसलिए क्योंकि यह ही उसमें रहने वाले लोगों के जीवन पर असर डालती है। जो इस प्रकार से हैं-

दक्षिण दिशा- यह दिशा व्यक्तियों के कैरियर क्षेत्र से संबंधित मानी जाती है।

दक्षिण पश्चिम दिशा- यह दिशा व्यक्तियों के ज्ञान और बुद्धिमाता से संबंधित मानी गयी है।

उत्तर पश्चिम दिशा- इस दिशा का संबंध धन से होता है।

उत्तर दिशा- यह दिशा व्यक्तियों के सामाजिक सम्मान से संबंधित होती है।

पश्चिम दिशा- यह दिशा व्यक्ति के परिवार से जुड़ी हुई होती है।

दक्षिण पूर्व दिशा- यह दिशा जातक के करीबी लोगों से संबंध रखती है।

पूर्व दिशा- यह दिशा बच्चों से संबंधित होती है। साथ ही यह दिशा बच्चों के स्वास्थ्य, सोच को प्रभावित करती है।

उत्तर पूर्व दिशा- यह दिशा वयक्ति के प्यार और पति-पत्नी के रिश्ते से जुड़ी हुई होती है।

जमीन लेते समय वास्तु की इन बातों का रखें ध्यान | While Taking Land, Also See These Things of Vastu

घर के लिए जमीन लेते समय इन बेशिक बातों को ध्यान देना बहुत ही जरूरी है। जैसे आपके जमीन के पास कोई खंबा नहीं होना चाहिए, ईशान और उत्तर दिशा को छोड़कर कहीं भी पानी का टैंक नहीं होना चाहिए। इसी तरह की कुछ अन्य बाते हैं, जिनका ध्यान में रखना चाहिए-

जमीन की लंबाई और चौड़ाई | Length And Width of Land 

एक अच्छे घर के लिए अच्छी लंबाई और चौड़ाई वाली जमीन का वास्तु में बहुत ही महत्व है। जमीन की चौड़ाई से उसकी लंबाई एक अनुपात या दो अनुपात अधिकतम हो सकती है। इससे ज्यादा लंबाई वाले जमीन को मंगलकारी नहीं माना गया है।
इसके साथ ही जमीन के ईशान कोण से शुभ ऊर्जा तरंगे प्रभावित होकर नैऋत्य कोण तक पहुंचती है। इसीलिए वर्गाकार चौड़ाई से डबल लंबाई वाले जमीन को शुभ नहीं माना जाता है।

वास्तु के लिहाज से मुख्य द्वार को दें अहम स्थान | Give Important Place To The Main Door From The Point of Vastu

घर के मुख्य द्वार को दें अहम स्थान | Give important place to the main entrance of the house

वास्तु में मुख्य दरवाजें को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इसीलिए घर का नक्शा बनाते समय उसके दरवाजे को भी बहुत ही उपयोगी बताया गया है। मुख्य दरवाजे को अन्य दरवाजे की तरह नहीं बनाना चाहिए। मुख्य दरवाजे पर फल, पत्र, लता के चित्र से सजाना वास्तु में शुभ माना गया हैं। घर के मुख्य दरवाजे के लिए पूर्व दिशा का चयन करें, क्योंकि यह दिशा दरवाजे के लिए शुभकारी मानी गयी हैं। इस दिशा में मुख्य दरवाजे का होने से घर में सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है।

घर का नक्शा बनवाते समय आंगन को दें खास स्थान

घर का नक्शा बनवाते समय आंगन के लिए दे खास स्थान |

कोई भी घर बिना आंगन के अधूरा सा लगता है, यही कारण है कि वास्तु में इसे अहम स्थान दिया गया है। इसलिए घर के आगे और पीछे छोटा ही सही पर आंगन जरूर बनाएं। साथ घर के आंगन में तुलसी, आंवला, कढ़ी पत्ते का पौधा, अनार, जामफल आदि लगाना चाहिए। क्योंकि ये पौधे सकारात्मक किरणें के लिए जाने जाते है।

स्नानघर और शौचालय | Bathroom and Toilet

वास्तु में स्नानघर और शौचालय के लिए एक विशेष जगह बनायी गई है। क्योंकि सहीं जगह पर स्नानघर और शौचालय न होने से घर में दोष आता है। ज्योतिष शास्त्र में स्नानघर और शौचालय को राहु और चंद्र का स्थान माना जाता है।
साथ यह भी ध्यान रखें कि स्नानघर में नल को पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाना चाहिए। जबकि शौचालय को घर के (पश्चिम-दक्षिण) कोण में अथवा नैऋत्य कोण या पश्चिम दिशा के मध्य में अच्छा माना जाता है।

वास्तु मे पूजा घर | Worship Place in Home

वास्तु में घर के अंदर पूजा घर की जगह बहुत ही उपयोगी है। वो इसलिए कि यह शांति बनाये रखता है। इतना ही नहीं अगर आपका पूजा घर वास्तु अनुसार बनाया जाएं, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है।
इसलिए घर में पूजा घर ईशान कोण में होना चाहिए। अगर किसी कारण वश आपका पूजा घर ईशान कोण में नही हैं, तो वास्तु दोष से बचने के लिए पानी पीते समय ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा की ओर अपनी दिशा कर लेनी चाहिए।

घर में सीढ़ियों का स्थान | Stairs in House

घर की सीढ़ियां वास्तु के अनुसार उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर या फिर पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह की सीढ़ियां होना शुभ माना जाता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

में बेडरूम का नक्शा | Home Bedroom Map

बेडरूम दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए। वहीं अगर घर दो मंजिल का है, तो बेडरूम उपरी मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए। वह इसलिए क्योंकि यह बहुत ही शुभ माना जाता है।

घर में स्टडी रूम | Study Room in Home

घर में स्टडी के लिए वास्तु में पूर्व, उत्तर, ईशान और पश्चिम दिशा अच्छी मानी जाती हैं। वहीं पीठ के पीछे दरवाजे और खिड़की नही होनी चाहिए। साथ किताबों की अलमीरा दक्षिण दीवार या पश्चिम दीवार पर होनी शुभ मानी गयी है।

रसोईघर का स्थान | kitchen Space

घर में खाना बनाने के लिए सबसे अच्छी जगह आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा को माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि यह अग्नि देव का स्थान होता है।

घर में इस जगह हो ड्राइंग रूम | Drawing Room Should Be At This Place in The House

ड्राइंग रूम के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा या नैऋत्य में दिशा शुभ मानी जाती है। वो इसलिए कि बैठते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना सकारात्मक उर्जा आने का संकेत देते हैं।

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