प्लाईवुड उस लकड़ी को कहते हैं, जिसका निर्माण एक संराचनात्मक तरीके से पतली-पतली लकडि.यों के परत को जोड.कर इस तरह से निर्माण किया गया है, कि वह आने वाले समय में लकड़ी का विकल्प बन सके।
· प्लाईवुड बड़े आकार में असानी से मिल जाती है, जो आम लकड़ी में संभव नहीं हो पाता हैं। · प्लाईबोर्ड मजबूती में लकड़ी से भी कम नहीं होते हैं। · लकड़ी की अपेक्षा यह हल्की होती है, इसलिए इसे एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में कोई समस्या नहीं होती हैं। · प्लाईवुड पर नमी का असर कम होता हैं।
इसका निर्माण करते समय यह ध्यान में रखा जाता है कि शीटों को एक दूसरे के ऊपर रखा जाए। चिपकाने के बाद गरम विधि में हाइड्रोलिक प्रेस का उपयोग करके, इसे एक नया आकार दिया जाता है।
इसे स्थानीय भाषा में औद्योगिक प्लाईवुड कहा जाता हैं। इसका प्रयोग अधिकतर अंदरूनी निर्माण में किया जाता हैं।
इस प्लाईवुड का प्रयोग आंतरिक और बाहरी दोनों स्थानों के लिए किया जाता हैं। इस प्रकार का प्लाईवुड डिजाइन बनाने के लिए सबसे उपयोगी मानी जाती हैं।
इस प्लाईवुड का प्रयोग सबसे अधिक जल वाले स्थानों पर किया जाता हैं। यह अन्य प्लाई से बहुत अधिक गणों से युक्त होती हैं। इसके साथ ही यह पानी प्रतिरोधी भी है।