दीवारों की अच्छी तरह से करें क्युरिंग

दीवारों पर प्लास्टर कराने से पहले दिवालों को क्युरिंग किया जाता है। क्युरिंग का मतलब दिवारों को पानी से भिगोना या तरी करना होता है।

प्लास्टर से पहले दीवारों पर मोर्टार के घोल का करें प्रयोग

दीवारों पर नमी करने के बाद का जो काम होता है, वह दीवारों पर अच्छी तरह से सीमेंट के घोल का प्रयोग करना होता है।

बालू का छानना जरूरी

प्लास्टर के लिए मसाला यानि मोर्टार बनाते समय आप उसमें जो बालू आप प्रयोग में लाना चाहते हैं उसको पहले छन्ने से छान लें।

प्लामिंग और इलेक्ट्रिकल के बाद शुरू करें प्लास्टर का काम

प्लास्टर का काम घर में तभी शुरू करना चाहिए, जब बिजली और प्लाबिंग का काम खत्म हो चुका हो। क्योंकि ये कार्य बाद में कराने से दिवारों पर वो फिसिंग नहीं रहती है, जो इस कार्य के कराने के बाद आती हैं।

इतनी रखनी चाहिए प्लास्टर की मोटाई

अंदर की दिवारों के लिए 12-15 mm तक मोटाई का प्लास्टर पर्याप्त होता है।

प्लास्टर से पहले दीवारों के इस काम को कर देना चाहिए खत्म

प्लास्टर से पहले जो उपयोगी काम होता है, वह है दीवारों के होल को भरना।

प्लास्टर के लिए इस सीमेंट का करें प्रयोग

सीमेंट के पैकिंग का दिनांक जानना बहुत उपयोगी है। वह इसलिए कि पैंकिंग के दिनांक से मात्र तीन महीने तक या उससेे पहले की ही सीमेंट प्लास्टर के लिए अच्छी है।

सार

प्लास्टर घर की दीवारों को ढकने के साथ ही मजबूती देने का काम करता है। साथ ही प्लास्टर के बाद ही घर का वह आकार बाहर निकल कर आता है, जिसकी हम घर बनवाते समय कल्पना करते हैं।