वास्तु शास्त्र की सहायता से इस प्रकार बनवाये घर का नक्शा, होगा जीवन मंगलमय |

Abhishek Yadav

क्यों जरूरी हैं वास्तु शास्त्र अनुसार घर का नक्शा?

वास्तु अनुसार घर का नक्शा बनाना बहुत ही लाभदायक रहता है। वो इसलिए, कि जब आप घर का नक्शा वास्तु के द्वारा बनवाते हैं, तो आपके घर में वास्तु दोष से होने वाले विकार दूर रहते हैं। घर में सभी चीजे व्यवस्थित रहती हैं।

वास्तु में दिशाओं की भूमिका को जाने?

वास्तु में दिशाओं की भूमिका को जाने?

दक्षिण दिशा- यह दिशा व्यक्तियों के कैरियर क्षेत्र से संबंधित मानी जाती है। दक्षिण पश्चिम दिशा- यह दिशा व्यक्तियों के ज्ञान और बुद्धिमाता से संबंधित मानी गयी है। उत्तर पश्चिम दिशा- इस दिशा का संबंध धन से होता है। उत्तर दिशा- यह दिशा व्यक्तियों के सामाजिक सम्मान से संबंधित होती है। पश्चिम दिशा- यह दिशा व्यक्ति के परिवार से जुड़ी हुई होती है। दक्षिण पूर्व दिशा- यह दिशा जातक के करीबी लोगों से संबंध रखती है।

जमीन लेते समय वास्तु की इन बातों का रखें ध्यान |

घर के लिए जमीन लेते समय इन बेशिक बातों को ध्यान देना बहुत ही जरूरी है। जैसे आपके जमीन के पास कोई खंबा नहीं होना चाहिए, ईशान और उत्तर दिशा को छोड़कर कहीं भी पानी का टैंक नहीं होना चाहिए। इसी तरह की कुछ अन्य बाते हैं, जिनका ध्यान में रखना चाहिए

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घर का नक्शा बनवाते समय आंगन को दें खास स्थान

कोई भी घर बिना आंगन के अधूरा सा लगता है, यही कारण है कि वास्तु में इसे अहम स्थान दिया गया है। इसलिए घर के आगे और पीछे छोटा ही सही पर आंगन जरूर बनाएं। साथ घर के आंगन में तुलसी, आंवला, कढ़ी पत्ते का पौधा, अनार, जामफल आदि लगाना चाहिए। क्योंकि ये पौधे सकारात्मक किरणें के लिए जाने जाते है।

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वास्तु मे पूजा घर | 

वास्तु मे पूजा घर | 

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वास्तु में घर के अंदर पूजा घर की जगह बहुत ही उपयोगी है। वो इसलिए कि यह शांति बनाये रखता है। इतना ही नहीं अगर आपका पूजा घर वास्तु अनुसार बनाया जाएं, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है। इसलिए घर में पूजा घर ईशान कोण में होना चाहिए।

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घर में सीढ़ियों का स्थान 

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घर की सीढ़ियां वास्तु के अनुसार उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर या फिर पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह की सीढ़ियां होना शुभ माना जाता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

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