नींव में फुटिंग का रखें ध्यान, होंगे कई लाभ | 

Abhishek Yadav

नीव के बिना किसी भी भवन या घर के निर्माण की संरचना के बारें में सोंच भी नहीं सकते है, क्योंकि किसी घर का यह सबसे निचला हिस्सा होता है, जो इसके समर्थक घटक होते है, इसी तरह से ही फुटिंग भी होता है, जो इमारत के भार को जमीन में बाटता है, और घर को मजबूती के साथ ही भूकंप रोधी बनाता है। तो आईए जानते कि फुटिंग क्या होता है और यह किस प्रकार से आपके घर बनाने में जरूरी है।

फुटिंग क्या है?

फुटिंग नींव का ही एक प्रकार है, जो कॉलम के नीचे है और लोड को बड़े क्षेत्र में फैलाता है। इतना ही नहीं यह नींव के भार असर को मिटटी पर बाटता है। इसलिए यह कहा जाता है कि नींव और फुटिंग के बीच चोली और दामन का साथ है, इसलिए नींव के समय में फुटिंग का प्रयोग जरूर करना चाहिए। क्योंकि इन दोनों के बिना, आप दुनिया में गगनचुंबी इमारतों की कल्पना भी नहीं कर सकते।

घर निर्माण में क्यों जरूरी है फुटिंग, जानें | 

आपकों बात दें कि घर बनवाते समय फुटिंग्स एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक तत्व है, जो स्तंभ, बीम, स्लैब और बनाए रखने वाली संरचनाओं के भार को सुरक्षित रूप से मिट्टी में स्थानांतरित करता है। इसलिए घर बनवाते समय इसका ध्यान अवश्य करें।

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1:आइसोलेटेड स्प्रेड फुटिंग | 

आइसोलेटेड स्प्रेड फुटिंग का प्रयोग सबसे सरल माना जाता है, यही कारण है कि इसका प्रयोग दुनिया भर में बहुत अधिक पसंद किया जाता है। इसका उपयोग ज्यादातर एकल स्तंभ का समर्थन करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार की नींव फुटिंग उपयुक्त है जब स्तंभों को बारीकी से नहीं देखा जाता है। अगर आपने आइसोलेटेड स्प्रेड फुटिंग में कॉलम का उपयोग कर लेते है तो, वह अवश्य ही मकान को मजबूती देगा।

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2: स्टेप्पेड फुटिंग |

इस प्रकार के फुटिंग्स में कॉलम का भार चरणों के साथ बटा हुआ होता है, जिसे पोलस्टार के नाम से भी जानते है। आजकल पोलस्टार नीचे से कॉलम के आकार तक शुरू हो रहा है। इसका उपयोग भारी वजन की दिवारों या उपर हाने वाले वजन को बांटने के लिए किया जाता है।

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3: सिंपल स्प्रेड फुटिंग | 

इस प्रकार की फुटिंग का प्रयोग अधिकतर वहां किया जाता है, जब संरचना के ऊपरी हिस्से से अत्यधिक भारी भार आता है, जैसा कि चरणबद्ध फुटिंग्स के मामले में होता है। क्योंकि इसमे एक अधार बेस पर अधिकतर निर्माण किया जाता है।

4: स्लोपेड फुटिंग 

स्लोपेड फुटिंग का प्रयोग स्तंभ खड़ा करने से पहले किया जाता है। जबकि ढलान स्तंभ के आकार से जोड़न में स्लोपेड फुटिंग का प्रयोग किया जाता है।

5: संयुक्त फुटिंग |

जब स्तंभ को बारीकी से फैलाया जाता है, तो संयुक्त पैरिंग प्रदान की जाती है। वह इसलिए कि उनके पैर आपस में ओवरलैप न हो। जब मिट्टी की क्षमता कम होने लगती है, वहां पर इस प्रकार के फुटिंग का प्रयोग किया जाता हैं।

जाने फुटिंग के लाभ |

-फुटिंग संरचना से भार को उसके नीचे मिट्टी के बड़े क्षेत्र में बांटता है। -नीव में फुटिंग से विफलता का बहुत कम जोखिम रहता है। -फुटिंग संरचनाओं में क्षति को नियंत्रित करके इमारतों के जीवन को बढ़ाती है। -फुटिंग्स का उपयोग संरचना को लगातार समर्थन प्रदान करने के लिए होता है। -फुटिंग्स का प्रयोग करना भवन संरचनाओं में असान है।

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