नीव के बिना किसी भी भवन या घर के निर्माण की संरचना के बारें में सोंच भी नहीं सकते है, क्योंकि किसी घर का यह सबसे निचला हिस्सा होता है, जो इसके समर्थक घटक होते है, इसी तरह से ही फुटिंग भी होता है, जो इमारत के भार को जमीन में बाटता है, और घर को मजबूती के साथ ही भूकंप रोधी बनाता है। तो आईए जानते कि फुटिंग क्या होता है और यह किस प्रकार से आपके घर बनाने में जरूरी है।
फुटिंग क्या है? |What is Footing?

फुटिंग नींव का ही एक प्रकार है, जो कॉलम के नीचे है और लोड को बड़े क्षेत्र में फैलाता है। इतना ही नहीं यह नींव के भार असर को मिटटी पर बाटता है। इसलिए यह कहा जाता है कि नींव और फुटिंग के बीच चोली और दामन का साथ है, इसलिए नींव के समय में फुटिंग का प्रयोग जरूर करना चाहिए। क्योंकि इन दोनों के बिना, आप दुनिया में गगनचुंबी इमारतों की कल्पना भी नहीं कर सकते।
घर निर्माण में क्यों जरूरी है फुटिंग, जानें | Know Why Footing Is Important In House Construction

आपकों बात दें कि घर बनवाते समय फुटिंग्स एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक तत्व है, जो स्तंभ, बीम, स्लैब और बनाए रखने वाली संरचनाओं के भार को सुरक्षित रूप से मिट्टी में स्थानांतरित करता है। इसलिए घर बनवाते समय इसका ध्यान अवश्य करें। कुछ अन्य बाते भी फुटिंग को लेकर है जिनको ध्यान में रखने की जरूरत है। वह इस प्रकार से है।
- मिट्टी के ऊपर भार को ठीक से स्थानांतरित करने के लिए, फुटिंग्स को डिजाइन करना जरूरी है।
- जल भराव जमीन पर बिना फुटिंग के निर्माण न करें।
- बड़ी बिल्डिंग के निर्माण में इसके बारीकियों को जरूर ध्यान दें।
- पलटने और फिसलने के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें।
आइए जाने फुटिंग के प्रकार | Types of footing

1:आइसोलेटेड स्प्रेड फुटिंग | Isolated Spread Footing
आइसोलेटेड स्प्रेड फुटिंग का प्रयोग सबसे सरल माना जाता है, यही कारण है कि इसका प्रयोग दुनिया भर में बहुत अधिक पसंद किया जाता है। इसका उपयोग ज्यादातर एकल स्तंभ का समर्थन करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार की नींव फुटिंग उपयुक्त है जब स्तंभों को बारीकी से नहीं देखा जाता है। अगर आपने आइसोलेटेड स्प्रेड फुटिंग में कॉलम का उपयोग कर लेते है तो, वह अवश्य ही मकान को मजबूती देगा।
2: स्टेप्पेड फुटिंग | Stepped Footing
इस प्रकार के फुटिंग्स में कॉलम का भार चरणों के साथ बटा हुआ होता है, जिसे पोलस्टार के नाम से भी जानते है। आजकल पोलस्टार नीचे से कॉलम के आकार तक शुरू हो रहा है। इसका उपयोग भारी वजन की दिवारों या उपर हाने वाले वजन को बांटने के लिए किया जाता है।
3: सिंपल स्प्रेड फुटिंग | Simple Spread Footing
इस प्रकार की फुटिंग का प्रयोग अधिकतर वहां किया जाता है, जब संरचना के ऊपरी हिस्से से अत्यधिक भारी भार आता है, जैसा कि चरणबद्ध फुटिंग्स के मामले में होता है। क्योंकि इसमे एक अधार बेस पर अधिकतर निर्माण किया जाता है।
4: स्लोपेड फुटिंग | Sloped Footing
स्लोपेड फुटिंग का प्रयोग स्तंभ खड़ा करने से पहले किया जाता है। जबकि ढलान स्तंभ के आकार से जोड़न में स्लोपेड फुटिंग का प्रयोग किया जाता है।
5: संयुक्त फुटिंग | Joint Footing
जब स्तंभ को बारीकी से फैलाया जाता है, तो संयुक्त पैरिंग प्रदान की जाती है। वह इसलिए कि उनके पैर आपस में ओवरलैप न हो। जब मिट्टी की क्षमता कम होने लगती है, वहां पर इस प्रकार के फुटिंग का प्रयोग किया जाता हैं।
6: केंटिलीवर या पट्टा फुटिंग्स | Cantilever or Strap Footings
जब कई फुटिंग एक साथ बीम से जुड़ी हुई होती हैं, तो इस प्रकार की फुटिंग को संयुक्त फुटिंग या फिर केंटिलीवर फुटिंग कहते हैं। इसे बहुत ही उपयोगी नींव के रूप में भी माना जाता है।
7: मैट नींव | Matte Foundation
यह भी एक प्रकार से फुटिंग्स का हिस्सा है। क्योंकि इसका प्रयोग भी उस समय किया जाता है, जब स्तम्भों को स्पोर्ट देकर भार को बाटने का काम हो। एक चटाई नींव पूरी संरचना के तहत कई स्तंभों और दीवारों का समर्थन करती है और यह एक बड़ा स्लैब है। यदि कई कॉलम एक-दूसरे को ओवरलैप करते हैं तो मैट फुटिंग कहलाते हैं।
यहां जाने फुटिंग के लाभ | Benefits Of Footing in Construction

-फुटिंग संरचना से भार को उसके नीचे मिट्टी के बड़े क्षेत्र में बांटता है।
-नीव में फुटिंग से विफलता का बहुत कम जोखिम रहता है।
-फुटिंग संरचनाओं में क्षति को नियंत्रित करके इमारतों के जीवन को बढ़ाती है।
-फुटिंग्स का उपयोग संरचना को लगातार समर्थन प्रदान करने के लिए होता है।
-फुटिंग्स का प्रयोग करना भवन संरचनाओं में असान है।
-भार के अनुसार फुटिंग का निर्धाण किया जाता है।
-फुटिंग्स को कंक्रीट के साथ सीमेंट के साथ बनाया जाता है।
-आवासीय निर्माण फुटिंग्स का प्रयोग अधिक होता है।
सार | Essence
फुटिंग किसी भी घर मकान या बड़े पुल के नीव का एक उपयोगी अंग है, यह अधार भी होता है। जो पूरे घर के वजन को समान रूप से वितरित करने में मदद करता है और स्थिरता सुनिश्चित करता है। दराअसल फुटिंग का उद्देश्य ही यही होता है कि घर के भार को मिट्टी में बांट दे। इसलिए दोस्तों घर का निर्माण कराते समय नींव में फुटिंग का ध्यान अवश्य दे, साथ ही फुटिंग में जो भी बारीकी का काम हो उसमें जल्दबाजी भी न दिखायें। क्योंकि इसका यह लाभ होंगा कि आपके मकान को अधिक मजबूती मिलेेगी ।